नल-जल योजना बनी मुसीबत – सरपंच और ठेकेदार की लापरवाही से गांव हादसों के मुहाने पर
बलकवाड़ा इसका ताज़ा उदाहरण है। यहां ठेकेदार और ग्राम पंचायत की मिलीभगत से न केवल खरंजा तहस-नहस हुआ, बल्कि आमजन […]
बलकवाड़ा इसका ताज़ा उदाहरण है। यहां ठेकेदार और ग्राम पंचायत की मिलीभगत से न केवल खरंजा तहस-नहस हुआ, बल्कि आमजन […]
“माँ की आँखें अब भी रोशन थीं…” इंदौर / भीलवाड़ा।राखियाँ तो बंधी थीं… प्रेम की डोरियाँ भी जुड़ी थीं…पर उस